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Class 11 Chemistry Notes in Hindi

Class 11 Chemistry Notes in Hindi Medium

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हमारे CBSE Class 11 केमिस्ट्री नोट्स हिंदी में बहुत ही सरल भाषा है जो छात्रों को सिर्फ पहली बार पढ़ने में विषयों को समझने में मदद करते हैं। ये केवल कक्षा 11 की रसायन विज्ञान की हिंदी के नोट्स नहीं हैं, बल्कि ये एक पुस्तक की तरह हैं। हम कह सकते हैं कि अगर कोई छात्र हमारे सीबीएसई कक्षा 11 के रसायन विज्ञान नोट्स हिंदी में अनुसरण करता है, तो उन्हें अन्य पुस्तकों के लिए ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है।

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कक्षा 11 रसायन विज्ञान नोट्स हिंदी माध्यम

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Class 11 Chemistry Notes in Hindi Medium Key features :

Class 11 Chemistry Notes Hindi Medium Chapter-wise

कक्षा 11 रसायन विज्ञान नोट्स हिंदी माध्यम

अध्याय 1: रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

परिचय , रसायन विज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व (दैनिक जीवन में, स्वास्थ्य एवं औषधि के क्षेत्र में, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में, कृषि में, उद्योगों में, नये पदार्थों के निर्माण में, युद्ध के क्षेत्र में, जीव विज्ञान के क्षेत्र में, पर्यावरण शुद्धिकरण में) , रसायन विज्ञान में मापन, सार्थक अंक को संख्या में प्रस्तुत करने के नियम, चरघ्रातांकी संकेत या वैज्ञानिक संकेत , असार्थक अंक को हटाना, सार्थक अंको से सम्बन्धित गणनाएं, मापन की मानक अंतराष्ट्रीय इकाईयाँ, मूल मात्रक, मूल मात्रकों की परिभाषा, इकाई, रासायनिक संयोग के नियम, द्रव्यमान संरक्षण का नियम, स्थिर संगठन का नियम या स्थिर अनुपात का नियम, गुणित अनुपात का नियम, व्युत्क्रम अनुपात का नियम अथवा तुल्य अनुपात का नियम, गे-लुसाक का गैसीय आयतन संबंधीत नियम, डाल्टन का परमाणु सिद्धांत, सिद्धांत की सीमाएँ, आवोगाद्रो की परिकल्पना , परमाणु, अणु, आवोगाद्रो परिकल्पना के उपयोग, मोल अवधारणा एवं आवोगाद्रो संख्या, मोल की परिभाषा, मोल अवधारणा पर आधाति आंकिक प्रश्नों हेतु कुछ महत्वपूर्ण सूत्र, प्रतिशत संघटन मूलानुपाती सूत्र एवं अणु सूत्र, यौगिक का मूलानुपाती सूत्र एवं अणुसूत्र ज्ञात करना, यौगिक का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात करना, रासायनिक अभिक्रियाओं की रससमीकरण मिति , विलयनों में अभिक्रियाओं की रस समीकरण मिती, मोलरता (Molarity), सोलरता समीकरण अथवा तनुकरण सूत्र, मोललता, नार्मलता (Normality), सीमान्त अभिकर्मक (Limiting Reagent),परमाणु भार, अणु भार एवं तुल्यांकी भार|

अध्याय 2: परमाणु की संरचना

इलेक्ट्रॉन की खोज, इलेक्ट्रॉन्स के लिए आवेश द्रव्यमान अनुपात (e/m) का निर्धारण, इलेक्ट्रॉन पर आवेश की गणना, इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान की गणना, प्रोटोन की खोज, न्यूट्रॉन की खोज, परमाणु संख्या तथा द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक, समभारिक, आइसोटोन, समस्थानिक, समभारिक, समभारिकों के गुण, आइसोटोप या समन्यूट्रॉनिक, समइलेक्ट्रॉनिक श्रेणी, परमाणु का थॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड का नाभिकीय परमाणु मॉडल, विद्युत चुम्बकीय विकिरण की प्रकृति, विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम, प्रकाश विद्युत प्रभाव, प्रकाश विद्युत प्रभाव में प्रेक्षण, प्रकाश विद्युत प्रभाव के लिए व्याख्या, विकिरणों की द्वैत प्रकृति, उत्सर्जन तथा अवशोषण स्पेक्ट्रा, हाइड्रोजन का रेखीय स्पेक्ट्रम, हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोर मॉडल
बोर मॉडल की सीमायें, हाइड्रोजन के रेखा स्पेक्ट्रम की व्याख्या, दे ब्रागली सिद्धांत : द्रव्य की प्रकृति, डी ब्रोग्ली सिद्धान्त की सार्थकता, अनिश्चितता सिद्धांत, श्रोडिंगर का तरंग समीकरण, क्वांटम संख्यायें (QUANTUM NUMBER), प्रमुख क्वांटम संख्या (PRINCIPAL QUANTUM NUMBER), दिगंशी क्वांटम संख्या (AZIMUTHAL QUANTUM NUMBER), चुंबकीय क्वांटम संख्या (MAGNETIC QUANTUM NUMBER), चक्रण क्वांटम संख्या (SPIN QUANTUM NUMBER), परमाणु कक्षको की आकृतियाँ, तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास , ऑफबो सिद्धान्त (AUFBAU RULE), n + l का नियम (ऊर्जा का नियम), पाउली का अपवर्जन सिद्धांत (PAULI’S EXCLUSION PRINCIPLE),हुण्ड के अधिकतम बहुलकता का नियम

अध्याय 3: तत्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

डॉबेराइनर के त्रिक , डॉबेराइनर त्रिक की असफलता, न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत , न्यूलैंड्स द्वारा बनाई गई तत्वों की सारणी, न्युलैंड्स का अष्टक नियम की सीमाए, लोथर मेयर का परमाण्विय आयतन वक्र, मेंडेलीफ़ की आवर्त सारणी , मेंडेलीफ का आवर्त नियम, मैडलीव की आवर्त सारणी, मेंन्डेलीफ की आवर्त सारणी की उपलब्धियाँ, मेंडिलिफ की आर्वत सारणी की कमियां, आधुनिक आवर्त नियम , दीर्घ आवर्त सारणी के कुछ दोष, मेंडेलीफ़ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर, 103 से 109 के परमाणु क्रमांक वाले तत्वों का नामकरण , तत्वों के प्रकार (s,p,d,f ब्लॉक तत्त्व), s-ब्लॉक तत्व, p- ब्लॉक के तत्व , d-ब्लॉक तत्व, f-ब्लॉक तत्व, तत्वों के गुणों में आवर्तिता, परमाणु त्रिज्या , आयनिक त्रिज्या, सहसंयोजक त्रिज्या, धात्विक त्रिज्या, वाण्डरवाल त्रिज्या, परमाणु त्रिज्या को प्रभावित करने वाले कारक, प्रभावी नाभिकीय आवेश , कक्षाओं की संख्या , परिरक्षण प्रभाव/आवरण प्रभाव, बन्धों की संख्या, परमाणु त्रिज्या में आवर्तिता, आयनन एन्थैल्पी, आयनन विभव या आयनन एन्थैल्पी को प्रभावित करने वाले कारक, परमाण्वीय आकार, प्रभावी नाभिकीय आवेश, कक्षकों का भेदन प्रभाव, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (पूर्ण अथवा अर्द्धपूर्ण कक्षक), परिरक्षण प्रभाव, आयनन विभव में आवर्तिता , आयनन एन्थैल्पी के उपयोग, अपचायक सामर्थ्य, धातुओं के ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड की प्रबलता ज्ञात करना, बन्ध की प्रकृति का अनुमान, इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी |

अध्याय 4: रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

लुइस प्रतीक, अष्टक नियम, अष्टक नियम की सीमाएँ ( केन्द्रिय परमाणु का अपुर्ण अष्टक, अष्टक के प्रसार वाले यौगिक, संक्रमण धातु आयन, विषम इलेक्ट्रॉन अणु, अष्टक नियम की कुछ अन्य कमियाँ), आयनिक या विद्युत संयोजक बन्ध, आयनिक बंध निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक , आयनन एन्थैल्पी (ionization enthalpy), इलेक्ट्रॉन ग्रहण एन्थैल्पी (Electron gain enthalpy),जालक ऊर्जा या एन्थैल्पी (Lattice energy or enthalpy), आयनिक यौगिकों के सामान्य अभिलक्षण, विलेयता, विलेयता को प्रभावित करने वाले कारक, जालक एन्थैल्पी, सहसंयोजक बन्ध, एकल आबंध , त्रि आबंध, औपचारिक आवेश, सहसंयोजक यौगिकों के सामान्य लक्षण, उपसहसंयोजक बन्ध (Coordinate Bond),आबंध प्रांचाल(Bond Parameters),प्रभावित करने वाले कारक ( परमाणु का आकार, बन्धो की संख्या, अवस्था (Hybridisation state), अनुनाद (Resonance), आबन्ध कोण , आबन्ध एन्थैल्पी (Bond Enthalpy),आबंध कोटि (Bond Order), आबंध ध्रुवणता (Bond Polarity), द्विध्रुव आघूर्ण के अनुप्रयोग
( % आयनिक गुण ज्ञात करना, किसी अणु की ज्यामिती ज्ञात करना) , फायान्स नियम (Fajan’s Rule), धनायन का आकार, ऋणायन का आकार, आयनों पर आवेश, आयनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धान्त (VSEPR Theory), NH3 अणु, जल अणु , संयोजकता आबन्ध सिद्धांत (Valence Based Theory), न्यूनतम ऊर्जा अवधारणा, हाइड्रोजन के अणु का बनना, हीलियम अणु (He2) का बनना असम्भव है, कक्षक अतिव्यापन अवधारणा, अतिव्यापन के प्रकार तथा सहसंयोजी आबंध की प्रकृति, सिग्मा (𝛔) आबंध, पाई (𝛑 आबंध) (p-p संपार्श्विक अतिव्यापन), सिग्मा और पाई आबंधो में तुलना, संकरण, संकरण की आवश्यक परिस्थितियाँ, लक्षण एवं नियम, संकरण के प्रकार, sp संकरन, sp2 संकरण, sp3 संकरण, sp3d संकरण, sp3d2 संकरण, आण्विक कक्षीय धारणा (MOT), तरंग फलनों का योग, तरंग फलनों का घटाव, परमाणु कक्षक तथा अणु कक्षक में अंतर, BMO तथा ABMO में अंतर, अणु कक्षको की आकृति , अणु कक्षक, कुछ अणुओं अथवा आयनों के लिए ऊर्जा स्तर आरेख, हाइड्रोजन बन्ध, भौतिक गुणों पर हाइड्रोजन बन्ध का प्रभाव |

अध्याय 5: द्रव्य के अवस्थाएँ तथा ठोस अवस्था

परिचय, अन्तर-आण्विक अन्योन्य क्रियाएं , द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्तर क्रिया, द्विध्रुव-प्रेरित द्विध्रुव अन्तर क्रिया, तात्कालिक प्रेरित द्विध्रुव-प्रेरित द्विध्रुव अन्तर क्रिया, हाइड्रोजन बन्ध, अन्तः अणुक हाइड्रोजन बन्ध, गैसीय अवस्था, गैसों के नियम, बॉयल नियम , बॉयल के नियम का आरेखीय निरूपण, गैस के घनत्व व दाब में सम्बन्ध, चार्ल्स नियम, चार्ल्स के नियम का प्रयोगिक महत्व, गे-लुसैक नियम, गै-लुसोंक नियम का आरेखी निरूपण, आवोगाद्रो परिकल्पना, गैस के मोलों की संख्या की गणना, आदर्श गैस समीकरण, गैस स्थिरांक R की प्रकृति, R का संख्यात्मक मान, R की विभिन्न इकाइयाँ, आदर्श व्यवहार से विचलन , आदर्श गैस व्यवहार से विचलन की वान्डरवाल्स अभिधारणाएँ, आयतन संशोधन (VOLUME CORRECTION ), अपवर्जित आयतन की b गणना , दाब संशोधन (PRESSURE CORRECTION ), डाल्टन का आंशिक दाब नियम, गैस का आंशिक दाब (P), गैसों का विसरण , ग्राहम का विसरण का नियम, गैसों का अणुगति सिद्धान्त, गैसों का अणुगतिक समीकरण, गैसों का द्रवीकरण, एन्ड्रयू का प्रयोग, गैसों के द्रवीकरण की प्रायोगिक विधियाँ, द्रव अवस्था, वाष्प दाब, द्रव का क्वथनांक, वाष्प दाब को प्रभावित करने वाले कारक, पृष्ठ तनाव , पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक, श्यानता (VISCOSITY), श्यानता गुणांक या श्यानता की इकाई |

ठोस, ठोसों के प्रकार, क्रिस्टलीय ठोस के गुण, अक्रिस्टलीय ठोस के गुण, क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोसों में अंतर, क्रिस्टलीय ठोसों का वर्गीकरण, आण्विक ठोस, अध्रुवी आण्विक ठोस, ध्रुवीय आण्विक ठोस, हाइड्रोजन आबंधित आण्विक ठोस, आयनिक ठोस, धात्विक ठोस, सहसंयोजक अथवा नेटवर्क ठोस, क्रिस्टल जालक, क्रिस्टल जालक के लक्षण, इकाई कोष्टिका (Unit cell) , इकाई सेल के पैरामीटर,  एकक कोष्ठिका के प्रकार, आद्य एकक कोष्ठिका, केंद्रित एकक कोष्ठिका, अन्तः (काय) केन्द्रित एकक कोष्ठिका, फलक केंद्रित एकक कोष्ठिका, अन्तः केंद्रित एकक कोष्ठिका,  क्रिस्टल तंत्र, निबिड़ संकुलन, चतुष्फल्कीय रिक्तियों को ढकते हुए, अष्टफल्कीय रिक्तियों को ढकते हुए, अंतरकाशीय छिद्र या अंतरकाशीय रिक्तियां , चतुष्फल्कीय रिक्तियां तथा अष्टफल्कीय रिक्तियां, निबिड संकुलन की गणना , आद्य एकक कोष्ठिका की संकुलन दक्षता, FCC या CCP की संकुलन दक्षता, BCC की संकुलन दक्षता, ठोस में अपूर्णताऐं या दोष, बिंदु दोष, बिंदु दोष के प्रकार, स्ट्राइकियोमिट्री दोष , रिक्तिका दोष, अन्तराकाशीय दोष, शॉटकी दोष, फ्रैंकल दोष, नॉन स्ट्राइकियोमिट्री दोष, धातु आधिक्य दोष, ऋणायन के अभाव से, अतिरिक्त धनायन के कारण, धातु न्यूनता दोष, अशुद्धता दोष , बैंड सिद्धांत, ऊर्जा बैंड के आधार पर पदार्थों का वर्गीकरण, अर्धचालक में विद्युत चालकता, नैज अथवा शुद्ध अर्धचालक, अशुद्ध अथवा अपद्रवी अर्धचालक, n-प्रकार के अर्धचालक, p-प्रकार के अर्धचालक, ठोसों में चुंबकीय गुण, अनुचुम्बकत्व (Paramagnetism), प्रति चुंबकत्व (diamagnetism), लौह चुंबकत्व

अध्याय 6: उष्मागतिकी

ऊष्मागतिकी, प्रयुक्त पद और उनके अर्थ, निकाय अथवा तंत्र , परिपार्श्व अथवा परिवेश , तंत्र के प्रकार, तंत्र के गुण, प्रक्रम अथवा ऊष्मागतिकी प्रक्रम, समतापीय प्रक्रम (Isothermal Process), रुद्धोष्म अथवा स्थिरोष्म प्रक्रम (Adiabatic Process), समदाबीय प्रक्रम (Isobaric Process), समआयतनी प्रक्रम (Isochoric Process), चक्रीय प्रक्रम (Cyclic Process), उत्क्रमणीय प्रक्रम (Reversible Process), अनुत्क्रमणीय प्रक्रम (Irreversible Process), अवस्था फलन (State Function), आंतरिक ऊर्जा (Internal Energy), कार्य (Work), कार्य की इकाई, ऊष्मा, दाब-आयतन कार्य, गैस के समतापीय उत्क्रमणीय प्रसार में किया गया कार्य, ऊष्मागतिकी का शून्य नियम, ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम, ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय रुप, एन्थैल्पी, ऊष्माधारिता (Heat Capacity), मोलर ऊष्मा धारिता, स्थिर आयतन पर मोलर ऊष्माधारिता (CV), स्थिर दाब पर मोलर ऊष्माधारिता CP, एक आदर्श गैस के लिये CP और CV में सम्बन्ध, कार्य और ऊष्मा की इकाई और उनके मध्य सम्बन्ध, अभिक्रिया एनथैल्पी (∆rH) (Enthalpy of Reaction), हेस का नियम, हेस के नियम के अनुप्रयोग, मानक अभिक्रिया एन्थैल्पी, संभवन एन्थैल्पी (Enthalpy of Formation), दहन एन्थैल्पी (Enthalpy of Combustion), कणन एन्थैल्पी (Enthalpy of Atomisation), बंध वियोजन एन्थैल्पी (Bond Dissociation Enthalpy), बंध वियोजन ऊर्जा (एन्थैल्पी), औसत बंध ऊर्जा या औसत बंध एन्थैल्पी, विलायकन एन्थैल्पी (Enthalpy of Solution), जलयोजन एन्थैल्पी (Enthalpy of Hydration), जालक एन्थैल्पी (Lattice Enthalpy), आयनन एन्थैल्पी (Enthalpy of Ionisation), उदासीनीकरण एन्थैल्पी (Enthalpy of Neutralisation), गलन की ऐन्थैल्पी (Enthalpy of fusion), वाष्पन की ऐन्थैल्पी (Enthalpy of vaporisation), उर्ध्वपातन की ऐन्थैल्पी (Enthalpy of sublimation), प्रथम नियम की कुछ सीमायें, ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम , स्वतः प्रक्रम (Spontaneous Process), कार्नो का ऊष्मा इंजन तथा कार्नो चक्र, एन्ट्रापी (Entropy), एन्ट्रापी की भौतिक सार्थकता, गिब्ज मुक्त ऊर्जा एवं स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम , गिब्स हेल्मोट्ज समीकरण (Gibbs Helmoltz’s Equation), ∆G स्वतः प्रक्रम की कसौटी, गिब्स ऊर्जा परिवर्तन पर ताप का प्रभाव, गिब्ज ऊर्जा परिवर्तन एवं साम्यावस्था

अध्याय 7: साम्यावस्था

रासायनिक अभिक्रियाएं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं, उत्क्रमणीय अभिक्रियाएं, साम्य की प्रकृति, साम्य अवस्था के सामान्य अभिलक्षण, भौतिक प्रक्रमों में साम्य, ठोस-द्रव साम्यावस्था, द्रव-वाष्प साम्यावस्था, ठोस-वाष्प साम्यावस्था, रासायनिक प्रक्रमो में साम्य , द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम, सक्रिय द्रव्यमान, गैसीय निकाय में साम्य, साम्य स्थिरांक को प्रभावित करने वाले कारक, ताप, अभिक्रिया की रससमीकरणमिति ( स्टॉइकियोमिति )
अभिक्रिया की प्रकृति, साम्यावस्था स्थिरांक के अनुप्रयोग, अभिक्रिया की सीमा का अनुमान लगाना, अभिक्रिया की दिशा का बोध, स्थिरांक KP एवं Kc में सम्बन्ध, Kp और Kc की इकाईयाँ, ला-शातैलिए का नियम, सान्द्रता का प्रभाव, ताप का प्रभाव, उष्माशोषी अभिक्रिया, ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया, दाब का प्रभाव, अक्रिय गैस के योग का प्रभाव, उत्प्रेरक का प्रभाव, भौतिक साम्य पर ला-शातैलिए के नियम का अनुप्रयोग, विलेयता पर ताप का प्रभाव, विलेयता पर दाब का प्रभाव, द्रव के हिमांक और ठोस गलनांक पर दाब का प्रभाव, विलयन में आयनिक साम्य, वियोजन के आधार पर रासायनिक पदार्थ के प्रकार, विद्युत अपघटन (Electrolytes),विद्युत अन-अपघट्य (Non-Electrolytes), आरेनियस का विद्युत अपघटन का सिद्धांत, वियोजन की मात्रा, वियोजन की मात्रा को प्रभावित करने वाले कारक, सान्द्रता/तनुता का प्रभाव, तापक्रम, विद्युत अपघटन की प्रकृति, विलायक की प्रकृति, विलयन में अन्य आयनों की उपस्थिति, अम्ल क्षार धारणायें, अम्ल तथा क्षार की आरेनियस अवधारणा, आरेनियस संकल्पना की सीमाएँ, ब्रोंस्टेड-लॉरी अवधारणा, संयुग्मी अम्ल क्षार, ब्रोन्सटेड-लौरी परिकल्पना की उपयोगिता, सीमाएँ, लुईस अम्ल-क्षार अवधारणा , लुईस सिद्धान्त के लाभ, लुईस सिद्धान्त की कमियाँ, अम्लों का आयनन स्थिरांक , द्विक्षारीय अम्लो के लिए, त्रिक्षारीय अम्ल के लिए, समआयन प्रभाव (Common Ion Effect), जल का आयनिक गुणनफल, pH मापक्रम, बफर विलयन/ उभय प्रतिरोधी विलयन, बफर विलयन तीन प्रकार के होते हैं, अम्लीय बफर विलयन, क्षारीय बफर विलयन, सामान्य बफर विलयन, अम्ल -क्षार अनुमापन, सूचकों का सिद्धांत, सूचकों का चुनाव, विलेयता (s) एवं विलेयता गुणनफल (Ksp), विलेयता गुणनफल के अनुप्रयोग, नमक का शुद्धिकरण, साबुन का साल्टीकरण, विलेयता (s) व विलेयता गुणनफल (KSP) में सम्बन्ध, एक-एक संयोजी विद्युत अपघट्य पदार्थ, द्वि-द्विसंयोजी विद्युत अपघट्य पदार्थ, त्रि-त्रिसंयोजी विद्युत अपघट्य पदार्थ, एक-द्विसंयोजी विद्युत अपघट्य पदार्थ |

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